यह मार्मिक सत्य कथा परम पूज्य स्वर्गीय सहदेव वर्मा जी की धर्मपत्नी कि अचानक सर्प काटने से मृत्यु के उपरांत श्री सहदेव गुरु जी इस कथा को बिरहा धुन में लिखा उनके परम शिष्य रामगुलाम ने अपने लोकप्रिय स्वर में आप सभी तक पहुंचाने का कार्य किया है जिसमें एमडी यूनिवर्सल स्टूडियो की प्रस्तुति गुरु माता को श्रद्धांजलि स्वरूप है