लिंग और वचन (भोजपुरी व्याकरण)

संज्ञा में लिंग, वचन और कारक होते हैं। हिन्दी के समान भोजपुरी में भी पुल्लिंग और स्त्रीलिंग वाचक शब्द होते हैं । जिससे पूरुष-जाति का बोध होता है, उसे पुल्लिंग कहते हैं। जिस संज्ञा से स्त्री वर्ग का बोध होता है, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे, राम पढ़त बाड़े, सीता पढ़त बाड़ी, गिरिजा रोअत बाड़ी, बिलारि दूध पिअत बिया, बिलरा बोलत वा । ऊपर के वाक्यों में राम और बिलरा पुल्लिंग और सीता, गिरजा तथा बिलारि स्त्रीलिंग हैं।

भोजपुरी में पुल्लिंग से स्त्रीलिंग कहीं अन्तिम प्रकार को ईकार करने से बनता है और कहीं पुल्लिंग शब्दों के अन्त में ‘इन’, ‘पाइन’ और ‘इ’ लगाकर स्त्रीलिंग बनाते हैं। जैसे-

(क) लड़िका से लड़की, नाना से नानी, कुमार से कुमारी-‘ई’, लगाने से बने हैं।
(ख) ‘आइन’ लगाने से-तिवारी से तिवराइन, दूबे से दुबाइन और चौधुरी से चौधुराइन बने हैं।
(ग) डोम से डोमिन, चमार से चमारिन, चमाइन (चमइनि), हत्यार से हत्यारिन, दुसाध से दुसाधिन, सोनार से सोनारिन-‘इन’ लगाने से बने हैं।

उदाहरण-
तिवारी जी कहवाँ जात बाड़े।
तिवराइनजी कहाँ जात बाड़ी।
चौधुराइनजी कहाँ बइठल बानीं ।
चौधराइनजी कहवाँ जात बानीं ।
दूबे जी का कहत बाड़े।
दूवाइनजी का कहत बाड़ी।
डोमिन बेना बीनत बिया।
चमाइन खेत में रोपनी करत बिया ।

कुछ शब्दों के पुंल्लिग और स्त्रीलिंग रूप एक दूसरे से एकदम भिन्न रहते हैं, जैसे

निम्नलिखित शब्द सदा पुल्लिंग के रूप में रहते हैं।
पानी, जल, छाता, मेला, हाथ, पंखा, पत्थर, जूता, पंछी, शरीर, दाँत, खेत, शोर, बाजा, पता आदि ।

नीचे लिखे शब्द सदा स्त्रीलिंग रहते हैं
चिरई, लउँडी, दवाई, लात, राखी, चोट, चमक, साड़ी, नाव, किताब, आँखि, जीभि, नाक, राति, आह, राह इत्यादि ।

वचन

जिस संज्ञा से एक ही मनुष्य, वस्तु आदि का बोध होता है उसे एक वचन और जिन शब्दों से एक से अधिक मनुष्य या वस्तुयों का बोध होता है, उन्हें बहुवचन कहते हैं। जैसे-लड़िका रोवत बा, लोटा धइल बा, छाता भीजत बा। इन वाक्यों में लड़िका, लोटा और छाता से एकवचन का ज्ञान होता है। लड़िकन सब कहवाँ बाड़न, मैदान में दर्शकन के भीड़ भइल बाटे । इन वाक्यों में लड़िकन, लोटन और दर्शकन से बहुवचन का ज्ञान होता है।

भोजपुरी के एकवचन शब्दों में प्रायः गन ( गण ) वर्ग, लोग आदि शब्दों को जोड़कर बहुवचन बनाते हैं, जैसे-विद्यार्थी लोग आजुकाल मन से नइखन पढ़त, एह समय किसान वर्ग बड़ा दुखी वा, स्वराज के बाद राजागन के अन्त होगइल ।

पं० रासविहारी राय शर्मा जी के लिखल किताब भोजपुरी व्याकरण से

आपका गानों की दुनिया में स्वागत है. ये website उन लोगो के लिए है जो गानों से प्यार करते है और हर Songs के Lyrics की गहराईयो को समझते है.

This is a place to get the latest and evergreen popular Bhojpuri Hit songs, lyrics were written in Hindi font from filmy and non-filmy hit songs.

BhojpuriLahar.com is now on Facebook, Youtube, and Twitter. Follow us and Stay Updated