मुखियई के मचि गइल हल्ला, लागल शिकारी चाल में । लेके दउरल चीखना चखना,माछ फँसावे जाल में ।। पांच बरिस जे बाति ना पूछल,नियराइल तs आइल बा । उ जालि लोग बूझि गइल तs,नाया जालि बुनाइल बा ।। कउआ भी अब बोले लागल,मिठकी कोयल के बोली । सियरा भी अब रोवाँ झारि के,पेन्हले बा साड़ी […]
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भोजपुरी साहित्य (Bhojpuri Sahitya) – कविता, निबंध, उपन्यास, व्याकरण
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देहाती गारी आ ओरहन
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भोजपुरी में चिरई चुरुंग के नाम
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विलोम शब्द (विपरीतार्थक शब्द)
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लिंग और वचन (भोजपुरी व्याकरण)
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GENERAL TERMS USED BY BHOJPURIANS
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पद – संत कवि ध्रनी दास
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ग्राम सेविका
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