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मुखियई के मचि गइल हल्ला | सत्य प्रकाश शुक्ल बाबा | भोजपुरी कविता

मुखियई के मचि गइल हल्ला, लागल शिकारी चाल में । लेके दउरल चीखना चखना,माछ फँसावे जाल में ।। पांच बरिस जे बाति ना पूछल,नियराइल तs आइल बा । उ जालि लोग बूझि गइल तs,नाया जालि बुनाइल बा ।। कउआ भी अब बोले लागल,मिठकी कोयल के बोली । सियरा भी अब रोवाँ झारि के,पेन्हले बा साड़ी […]